सुबह चिड़िया उठती है
सब की खिड़की पर
ठक - ठक करती,
हाल - चाल लेती,
निश्चिंत करती खुद को
किसी पेड़ की टहनी पर
बैठ जाती है.
आदमी,वृक्ष, धरती
सब सुरक्षित रहें
वह मन ही मन
मनाती है.
बचा रहे प्रेम
भरोसा, उम्मीद
वह मन ही मन
सोचती है!
- सीmaa
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