स्त्रियाँ अपने काजल से
रच लेती है आँखों में
कुछ रंगीन सपने,
हाथों की मेंहदी में
लिख लेती है
गजल और
गुनगुनाती है
जिंदगी की ताल पर
अपनी पसंद का कोई गीत!
अपने ख्वाबों में
झालर लगाकर वो रोज
उन्हें लहराती हैं
और छेड़ती हैं
मन के तारों पर
मधुर संगीत!
-सीmaa
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