Tuesday, May 9, 2017

पेड़

वो एक उदास रात थी
जब तुम्हारी शाखाओं को बाँहें समझ
वो नन्हीं चिड़िया आराम से सो गई थी
आँधियों से बेखौफ
बहुत भरोसा था उसे तुमपर
तुमने भी उसके भरोसे की लाज रखी
और एक रिश्ता बन गया विश्वास का
चिड़ियाँ की रातें अब उदास नहीं थी!
उन शाखाओं में कितनी ही जिंदगियाँ थी!
सब मिल कर रहते और पेड़ का आभार व्यक्त करते
पेड़ भी बहुत खुश था कि वो अकेला नहीं
कितनी चहचहाहट थी सुबह से शाम तक!
बस  रात को पेड़ देर से सोता
सबकी देखभाल करके!
पेड़ और चिड़ियों का रिश्ता तो सदियों पुराना है!
पेड़ के दिल में  ही तो चिड़ियों का वास है!
- सीmaa

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