नहीं पता कौन हो तुम
कि ख्वाबों के आसमान से
अचानक ही हकीकत की जमीन पर
उतर आए हो तुम!
फिर भी ख्वाब ही क्यों लग रहे हो तुम!
नहीं जानती मैं सपने में हूँ
या सच को सपना समझ रही हूँ!
नहीं पता कौन हो तुम!
ख्वाब हो या हकीकत हो तुम!
- सीमा
#ख्वाब
#हकीकत
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