Thursday, April 13, 2017

खुशी

हम खुद को खुश करने के लिए
बनाते हैं एक तस्वीर।
हम खुद को
खुश करने के लिए लिखते हैं एक कविता।
सुनते हैं मनपसंद गीत-संगीत
अपने मन - मुताबिक दोस्त बनाते हैं।

खुद की खुशी के लिए बनते  हैं, सँवरते हैं।
खरीददारी करते हैं।

अपने फूलदानों में रखते हैं ताजे फूल
कि देख कर खुशी हो।

पालतू जानवर, पंछी सब हमारी ही खुशी से
रहते हैं हमारे साथ।
खुद को खुश रखना उतना ही जरूरी है
जितना जीने के लिए हवा और पानी!
फिर भी हम इसे रोज भूल जाते हैं।
- सीमा

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