निराशा को जगह मत दो, क्रोध उत्पन्न करो।
उन एक-एक सिसकियों को याद करो जो देती रही घुटन, उस एक-एक तिनके में आग लगाओ जो भेदते रहे तुम्हें।
निराशा को जगह मत दो, क्रोध उत्पन्न करो। - सीमा
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