तुम्हें नहीं पता मैं एक बार फिर से सीख रही हूँ चलना! हाँ, इस बार मैं तुम्हारी नजरों से देख रही हूँ दुनिया!
तुम्हें नहीं पता मैं तुम में ही उतर रही हूँ धीरे-धीरे!
हाँ, मैं तुम में ही ढ़ल रही हूँ धीरे-धीरे!
- सीमा
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