तुम हर बार अनसुनी करते रहे अपनी छटपटाहट को, तुम हर बार पनाह देते रहे दर्द को बहुत कचरा जमा हो गया ना! अब एक ही रास्ता है या तो खुद को दफन कर दो या बिखरा दो दर्द का हर हिस्सा कि जहाँ से आया था ये वहीं चला जाए वापस ! - सीमा
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