Tuesday, March 29, 2016

 साँझ की धूप 
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  साँझ की धूप सी
ठहर गई हूँ मैं 
आओ सुस्ता लो
तुम भी दो पल 
हमदम
कि जिंदगी की रात
अभी बाकी है
चलो अंधेरे से
लड़ने का दम
भर लें हम ।
- सीमा

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