Friday, August 21, 2015

हमसफर


तुमने कहा कि 
मुझे जुल्फों में 
बसा लो ,
मैंने कहा 
उलझ जाओगे !

तुमने कहा 
मुझे आँखों में 
छुपा  लो  ,
मैंने कहा 
 कैद हो जाओगे !

तब तुमने 
 पकड़  लिया
 मेरा हाथ !

मै भी चलती रही 
उन  हाथो को 
थाम  के ! 
जिंदगी
सुहानी
लगने  लगी !

पर जाने कब 
बंधन ढीले 
पड़ गए !

तुम कही 
और थे ,
मै कही 
और थी !!


सच ,हमसफ़र बनना 
इतना आसान 
नहीं होता

कि  मंजिले और ठिकाने 
जाने  कब बदल जाये !!
- सीमा 



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