एक बंद अल्मारी ,
कितना कुछ
दबाए रखती है
अपनेअंदर,
रूपए,पैसे,
गहने,कागजात
छोटी से छोटी चीजौ को
और पुराने से पुराने
शब्दों को,
पीले पड़े
कागजो पर,
कितने राजों को
परत दर परत
दबाकर रखती हैं ये !
इन अलमारियों को
बिखेरने की कोशिश
मत करना,कि
बहुत वक्त लगता है
इन्हें सजाने,सवारने में,
इनके भीतर
जगह बनाने में!!
- सीमा
Badhiya Kavita
ReplyDeleteDhanywaad Monika ji..:)
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