वो बादल था ,
वो थी एक नदी !
जब - जब बरसता बादल
नदी इतराती ,
अपना विस्तार पाती !
फिर कुछ दिनों तक
बादल बरसा ही नहीं !
नदी उदास रहने लगी ,
बादल भी बरसना
चाहता था
पर वो मजबूर था !
कि बारिशो के मौसम
जा चुके थे !
बादल को लौटना था
अपने गाँव
वो उदास मन से
निकल चुका था
बूँदो को खुद में
समेट के !
नदी शांत हो
गयी थी !
कुछ दिन
तड़पने के बाद !
मौसमो का
आना -जाना
यूँ ही लगा
रहता है !
दोनों समझ
चुके थे !
(बादल और नदी
दोनों समझदार थे !!)
- सीमा
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