Tuesday, August 18, 2015

बादल और नदी


वो बादल था ,
वो थी एक नदी !
जब - जब बरसता बादल 
नदी इतराती ,
अपना विस्तार पाती !

फिर कुछ दिनों तक 
बादल बरसा ही  नहीं !

नदी उदास रहने लगी ,
बादल भी बरसना 
चाहता था 
पर वो मजबूर था !

कि बारिशो के मौसम 
जा चुके थे !

बादल को लौटना था 
अपने गाँव 
वो उदास मन से 
निकल चुका था 
बूँदो को खुद में 
समेट के !

 नदी शांत हो 
गयी थी !
कुछ दिन 
तड़पने के बाद !

मौसमो का 
आना -जाना
 यूँ ही लगा 
रहता है !

दोनों समझ 
चुके थे !

(बादल और नदी 
दोनों समझदार थे !!)
- सीमा 

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