Thursday, July 23, 2015

बचपन


 फिर से जी लेना 
चाहती हूँ 
बचपन को 
मरने से पहले !

कितना कुछ  था 
जिसे  बचपन ने 
दूर से ही देखा 
या बाद में जाना !

जैसे मेले से 
कोई बिना 
कुछ लिए ही   
लौट आया हो 
और मन अटका हो 
वही मेले के ठेलों में !

सच ,जिन्दगो की एक 
प्यारी तस्वीर है   बचपन !

बच्चो को पलने  दो 
इसकी छाँव में !

मत समेटो इसे ,
मत  बाँधो इसे ,
मत बर्बाद होने दो 
एक प्यारी कहानी को ,
मत उदास होने दो 
किसी की जिंदगानी को !!

- सीमा 

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