फिर से जी लेना
चाहती हूँ
बचपन को
मरने से पहले !
कितना कुछ था
जिसे बचपन ने
दूर से ही देखा
या बाद में जाना !
जैसे मेले से
कोई बिना
कुछ लिए ही
लौट आया हो
और मन अटका हो
वही मेले के ठेलों में !
सच ,जिन्दगो की एक
प्यारी तस्वीर है बचपन !
बच्चो को पलने दो
इसकी छाँव में !
मत समेटो इसे ,
मत बाँधो इसे ,
मत बर्बाद होने दो
एक प्यारी कहानी को ,
मत उदास होने दो
किसी की जिंदगानी को !!
- सीमा
No comments:
Post a Comment