उदास से दिन ,
उदास सी राते !
खुशियो के बादलो की
कोई सुगबुगाहट नहीं
मन का आसमान
ऐसा कि जाने कब
बरसने लगे
आँखों से बूँदे !!
वो थोड़े दिन
जब तुम बदले
नहीं थे
थे कितने
खुशनुमा
पर जब से तुम
रहने लगे हो
गुमसुम
मेरे भी
दिन ,रात
हो गए है
सूने , सूने !!
- सीमा
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