Seema Kee Lekhanee
Monday, July 20, 2015
अंतर्मन
मै
कुछ
तुम पर
लिखती हूँ ,
तुम भी कुछ
मुझ पर
लिखो ना !!
बहुत कुछ
अव्यक्त है
आओ इसको
पढ़ो ना !
कुछ रहस्य
निकल आए
कहीं ,
कुछ उलझा
सुलझ जाए
कहीं ,
अब तक जो
बिखरा पड़ा था
वो मन संवर
जाए
कहीं ,
मै
कुछ
तुम पर
लिखती हूँ ,
तुम भी कुछ
मुझ पर
लिखो ना !
- सीमा
2 comments:
आनन्द विक्रम त्रिपाठी
July 22, 2015 at 6:32 PM
भावपूर्ण
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Unknown
July 24, 2015 at 6:48 AM
Dhanywaad
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