Thursday, April 16, 2015

मौसम मस्ताना

   मौसम मस्ताना 
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नवजीवन का संचार लिए ,
पत्ते-पत्ते में प्यार लिए
प्रकृति सज- धज के झूम रही
रंग -रूप पे नई निखार लिए ।
बागो में कोयल कूक रही ,
भँवरे फूलों पर फुदक रहे
मस्ती में चहक रही देखो
तितलियाँ रंगो की बहार लिए ।

हर फूल लग रहा दीवाना ,
कलियों का देखो अगड़ाना
सर - सर बहती ये पवन चली
मस्ती का संसार लिए |
- सीमा श्रीवास्तव

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