Tuesday, April 21, 2015

पेड़



पेड़  यूँ ही एक दिन मे बड़े  नहीं होते  ,

वो रोज सोखते  हैं पानी ,

सैकतें हैं धूप ,

मिट्टी में गहराई तक उतरते रहते हैं

 थोड़ा -  थोड़ा रोज बढ़ते  रहते है ।

पेड़ यूँ ही एक दिन में  खड़े नहीं  होते ।
 किसी ने बहुत प्यार से इन्हे 
लगाया  होता है
यह सोचकर कि एक दिन ये पेड़ बनेगे ।

इन  पेड़ो को देख के
 कितना सुकून मिलता है ना !

ये हरे -भरे पेड़
 एक दिन में खड़े नहीं होते
पर  इन्हे  काटने  के लिए
  काफी होता है 
 एक दिन !
उफ़ !  लोग क्यों भूल जाते हैं

 कि पेड़ो  को  हम नहीं 

पेड़ हमें हरा - भरा रखते हैं !!

- सीमा 









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