Thursday, March 26, 2015

प्रकृति


        प्रकृति
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कितनी यात्राएँ करते हैं हम ,

प्रकृति के आँगन मे विचरते हुए.

प्रकृति के सुन्दर दृश्यों के साथ

लेते हैं अपनी तस्वीरें !!

हर तस्वीर मे प्रकृति जीत जाती है। 

हाँ ,हवा ,धूल ,धूप और उतार ,चढ़ाव से 

थक जाते है हम 
  निस्तेज पड़ जाता है
 हमारा   चेहरा और 

सारे दिन के थपेड़ो के बीच भी प्रकृति

खिलखिलाती है ,चमकती है। 

यही तो फर्क है हम मे  और प्रकृति मे !

तभी तो प्रकृति हर बार हमें खीचती है 

हर बार हमें  चमकने को कहती है !!

सीमा श्रीवास्तव 
















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