थालियों को पकवानो से
भर देते है और
मेहमान आते है प्यार के भूखे !
वो सिर्फ स्नेह और प्रेम
खोजते हैं !!
कई बार घर के डब्बे
रहते है खाली ,
घर होता है
अस्त - व्यस्त ।
अस्त - व्यस्त ।
मेहमान आते हैं
नाक , भौं सिकोड़ते हैं ,
नाक , भौं सिकोड़ते हैं ,
हम पर हँसते हैं और
अपनी शान बघार कर
चल देते हैं ।
चल देते हैं ।
- सीमा श्रीवास्तव
No comments:
Post a Comment