Monday, March 23, 2015

नादानी

  नादानी
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रोज कुछ न  कुछ

नादानी हो जाती है ,

 जब भी अपनी

तबीयत जरा सी

बचकानी हो जाती है !

वक़्त के हिसाब से

 आदतें बदल लीजिये ,

कुछ बातें समय के लिहाज  से

बेमानी हो जाती  है !!

सीमा श्रीवास्तव


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