Sunday, March 1, 2015

मैं लिखती नहीं



मै लिखती नहीं ,
मैं शब्दों के साथ
करती हूं मस्ती.,
थोडी भागदौड 
और पकड के रख देती हूं
पन्नों पर
कि ऐसा ना करूं तो ये
अंदर ही अंदर करते रहते हैं
शरारत,
मचाते रहते हैं
धमा चौकडी !!
आपस में ही उलझ जाते हैं,
कुछ ना कुछ खुराफात
कर जाते हैं..!!

- सीमा श्रीवास्तव

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