Monday, February 9, 2015

नाराजगी

दिन के घंटों से भी ज्यादा, इंतजाम बढ गए हैं.अपने

 दिन गुजर जाता है  खुद की तीमारदारी में....

जरा सुकून मिले तो तुझसे गुफतगूं करुंगी मैं

क्यों वहम है पाला नाराजगी का...

सीमा श्रीवास्तव

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