Saturday, February 21, 2015

आँसू

आँसूओ की दास्तान
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आँसूओ को कभी हम

छुपाते हैं।

कभी रो  पड़ते हैं

सब के सामने ही ,

चाहते हैं कोई 
 हमारे  आँसू पोंछे !

कभी अंदर ही अंदर घुटते हैं

पर रो नहीं पाते ,

कभी बड़ी बहादुरी से

सह लेते हैं सब  कुछ

बिना आँसू बहाए !!

इन आँसूओ को दिखाने ,छुपाने

और पी जाने का

  हर एक का 
 अपना अंदाज
 होता है !

 इन आँसूओ   के बिन

जिंदगी की  माला 
पूरी होती है क्या ?


सच! बड़ी अनोखी है
इन आँसूओ की दास्तान,
पर 
 कितने ही बूँदो को

छिपा लेती   है  
एक प्यारी  सी   मुस्कान !!

- सीमा 

1 comment:

  1. प्यारी भावपूर्ण आंसुओं की कहानी ,,,,,,,,,,,!

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