चिड़िया ठक, ठक की आवाज़ कर के
चाहती है घर में आना ।
कितनी प्यारी बात है ना ,वह घर के अंदर
ढूँढ़ती है अपना आशियाना ।
पर सबने बंद कर रखी हैं
अपने- अपने घरों की खिड़कियों!
ठक- ठक करते- करते उसके चोंच
ना घायल हो जाए ,
खोल दो एक खिड़की को
ताकि वह अंदर आ पाए ।
सीमा श्रीवास्तव
(छोटी छोटी चिड़िया विलुप्त होती जा रही हैं ।
हम सभी को उनको बचाने के लिए प्रयास करना चाहिए।
इसके लिए अपने आस पास के पेड़ो पर प्लास्टिक के डब्बो को
डिजाईन कर के लटकाये ताकि वे उसमे अपने घोसले बना सके ।
यह बस एक सन्देश है । )
शानदार प्रस्तुति के जरिये इस दौर के कड़वे सत्य की ओर ध्यान आकर्षित किया।
ReplyDeleteधन्यवाद अंकुर...
Delete:(
ReplyDeleteमेरे ब्लाग पर आने के लिये धन्यवाद शेखर जी
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