Friday, September 19, 2014

दर्द की दास्तान




एक दर्द समेट  लाता है

उन शेष दर्दो को भी

  जो समय समय पर

 देते रहे हैं  दंश

फिर 

उठती है

एक जोर की आँधी!

गम का गर्द

बिखर जाता है चारो तरफ

और

बरसता है आँखों से पानी!

गम  दूर बह  जाता है

और  छोड़ जाता है  नमी

 समय के झोखे सोख

लेते है वो नमी!!


दर्द की आंधी यूँ ही

उठती रहती है

 आँसू बरसते  हैं

फैलती है नमी

और समय के झोंखे

 सोख  लेते  हैं

 उस नमी को!!


सीमा श्रीवास्तव



  

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