Monday, September 15, 2014

ध्यान

1         दायरे

दायरे समेट

     लिए हैं

     मैंने अपने

कि तुमको पाकर

किसी और की

जरूरत जो नहीं

सीमा श्रीवास्तव


2

तुम मिलो न मिलो

कोई फर्क नही है अब

कि  मै मिल चुकीं हूँ

अपने आप से  जब

सीमा श्रीवास्तव 

1 comment:

  1. अपने आप से मिल जाने पर हमे एक असीम शांति का अनुभव होता है....,

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