Monday, September 29, 2014

                घर 
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हर घर कुछ कहता है ,

पर ये भी तो है  कि  घर में 

 कोई एक ही तो 

नहीं रहता है । 

हर सदस्य की चहल पहल की छाप 

पड़ती  है घर पर 

कि मुश्किल है इसे  सजाना 

किसी एक के दम पर

चीजें यहाँ   हर पल 

 बनती हैं,

बिगडती हैं 

घर अपने लोगों से  ही 

 सजती हैं ,

सँवरती है । 

सीमा श्रीवास्तव 



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