अगर भावनाओ को कविता और कहानी का विश्रामस्थल नहीं मिला होता तो ना जाने ये कहॉ भटकती...??
पनाह देतीं हैं
शब्दो को
कविताये,अपनी
गोद मे...और
कहानियॉ समेट
लेती हैं
अपने
आगोश में
सीमा श्रीवास्तव
पनाह देतीं हैं
शब्दो को
कविताये,अपनी
गोद मे...और
कहानियॉ समेट
लेती हैं
अपने
आगोश में
सीमा श्रीवास्तव
No comments:
Post a Comment