Monday, August 25, 2014

नदियाँ

       नदियाँ
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नदियों के सब्र का

मत लो इम्तिहान।

किसी दिन भी

बहुत भर आने पर

तोड़ देंगी ये सीमाएं,

ले लेगी रूप विकराल

फिर तहस नहस

हो जायेंगे गाँव

और शहर

कितने ही घर

हो जायेंगे वीरान

अगर  आ  जायेगा

नदियों में उफ़ान॥


सीमा  श्रीवास्तव

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