Friday, August 22, 2014

खुशियाँ

खुशियों  को ख़त्म
कर देती  है ,
कभी ,शंका ,
कभी डर ,
कभी उपेक्षा
कभी हीन भावना 

सीमा श्रीवास्तव 

4 comments:

  1. बहुत सुन्दर और भावुक रचना
    उत्कृष्ट प्रस्तुति
    सादर ----

    आग्रह है
    हम बेमतलब क्यों डर रहें हैं ----

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  2. कभी कभी ऐसा होता है ज्योति जी...
    बहुत बहुत धन्यवाद....ज्योति जी

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  3. धन्यवाद जयकृष्ण जी...

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